Payal Dev
Mohabbat Bula Rahi Hai
जितनी बार जनम लेंगे
दिल देंगे हर बार तुम्हें
हम क़िस्मत के हाथों में
लिख देंगे, ऐ यार, तुम्हें
तुमसे मिलने मैं आऊँगी
'गर दूर कभी हो जाओगे
है कितना प्यार हमें तुमसे
ये तुझको अभी पता नहीं है
जो हमने माँगी थीं साथ मिल के
वही दुआएँ रुला रही हैं
जहाँ भी हो, फिर से लौट आओ
तुम्हें मोहब्बत बुला रही है
वफ़ा के बदले ये सारी दुनिया
हमें सज़ाएँ सुना रही है
जो हमने माँगी थीं साथ मिल के
वही दुआएँ रुला रही हैं
जहाँ भी हो, फिर से लौट आओ
तुम्हें मोहब्बत बुला रही है
कोई रस्ता दिखा, जो दे तुझसे मिला
आ ज़रा, आ ज़रा मेरी राहों में
कोई टुकड़ा नहीं ऐसा दिल का मेरे
जो उठाया ना हो मैंने आँखों से
क्यूँ आज भी वो तुम्हारी यादें
हमारी पलकें भीगा रही हैं?
जो हमने माँगी थीं साथ मिल के
वही दुआएँ रुला रही हैं
जहाँ भी हो, फिर से लौट आओ
तुम्हें मोहब्बत बुला रही है
इन आँसुओं से कहाँ बुझेगी
जो तेरी यादें जला रही हैं
हमारे टूटे दिलों के टुकड़े
ये पलकें मेरी उठा रही हैं
ना चाह के भी क्यूँ बेवफ़ाई
जहाँ की रस्में बना रही है
ख़तम हुआ है ये साथ अपना
जुदाइयाँ चल के आ रही हैं