[Verse 1]
चेहेरा जैसे चांद खिला
मुझसे दूर कहीं ना जा
काहे शरमाए जाती है
मेरा दिल धड़काती जा
अरबी गानों में होता है
वैसे अंग-अंग फ़ड़का, हाँ
[Chorus]
नागिन जैसी कमर हिला, ah
नागिन जैसी कमर हिला, ah
नागिन जैसी कमर हिला, ah
[Verse 2]
ते-ते-तेरी कमर के आशिक़ हैं कितने
गली-गली में रहते हैं
तेरे हुस्न से पागल होके
"कमसिन कली" भी कहते हैं
आशिक़ तेरे ना तड़पा
Baby, हमको आज दिखा
भोले-भाले हैं हम तो
प्यार से हमको आज सिखा
धुन जो छेड़े आज सपेरा
पागल बीन पे होती जा, हाए
[Chorus]
नागिन जैसी कमर हिला, ah
नागिन जैसी कमर हिला, ah
नागिन जैसी कमर हिला, ah