[Verse 1]
वादा था हर रात का
उमर भर साथ का
तू आया नहीं साजना
वादों का क्या हुआ
जो मेरे कुछ क़र्ज़ थे
तेरे भी कुछ फ़र्ज़ थे
तुम्ही तो हमदर्द थे
[Chorus]
वादों का क्या हुआ
[Verse 2]
बेवजह इश्क में सनम
हम यूँ ना जलते
हमको पता जो होता
इश्क ना करते
तूने कहा था आएगा
मुझे भी इंतज़ार था
था मौसम बरसात का
[Chorus]
वादों का क्या हुआ
[Verse 3]
तेरी बेवफाई का अगर
शिकवा ना करते
दर्द दिलों के सनम
कम कैसे करते
आज दिल उदास है
सुनी सुनी सी रात है
आश्कों की बरसात है
[Chorus]
वादों का क्या हुआ